लैपिएस (Lapiés) क्या है?
लैपिएस (Lapiés) करास्ट स्थलरूपों में सबसे छोटी भू-आकृति है, जो चूना पत्थर (Limestone) या डोलोमाइट (Dolomite) जैसी घुलनशील चट्टानों की सतह पर बनने वाले गहरे खांचे (Grooves) और दरारों (Fissures) से बनती है। यह मुख्य रूप से जल की रासायनिक क्रिया (Chemical Weathering) द्वारा बनता है।
कैसे बनता है लैपिएस?
- कार्बोनेट घुलन प्रक्रिया (Carbonation Process): वर्षा का जल जब वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) मिलाकर कार्बोनिक एसिड (H₂CO₃) बनाता है, तो यह चूना पत्थर को धीरे-धीरे घोलने लगता है।
- जल का प्रवाह: जल चट्टानों की दरारों में प्रवेश करता है और घुलन प्रक्रिया को तेज करता है।
- खांचे और दरारें: समय के साथ यह प्रक्रिया चट्टानों की सतह पर गहरी संकरी खाँचों और तीव्र धारदार दरारों को जन्म देती है, जिसे लैपिएस कहा जाता है।
लैपिएस की विशेषताएँ
- ✔ यह करास्ट स्थलरूपों में सबसे शुरुआती रूप है।
- ✔ लैपिएस की सतह असमान (Uneven) और धारदार (Sharp-edged) होती है।
- ✔ यह आमतौर पर ढलान वाले चूना पत्थर के इलाकों में पाया जाता है।
- ✔ इसका निर्माण धीमी लेकिन निरंतर घुलन प्रक्रिया के कारण होता है।
कहाँ पाया जाता है?
- ✅ भारत: मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के चूना पत्थर क्षेत्रों में।
- ✅ दुनिया में: गुइलिन (चीन), डोलोमाइट्स (इटली), स्लोवेनिया, और क्रोएशिया में बड़े पैमाने पर लैपिएस क्षेत्र मिलते हैं।
निष्कर्ष
लैपिएस करास्ट क्षेत्र का सबसे प्रारंभिक स्थलरूप है, जो जल और चट्टानों के घुलन से बनता है। यह आगे चलकर सिंकहोल, गुफाएँ और अन्य करास्ट भू-आकृतियों के निर्माण में योगदान करता है।
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