करास्ट स्थलरूप (Karst Topography)

करास्ट स्थलरूप (Karst Topography) – विस्तृत विवरण

परिभाषा

करास्ट स्थलरूप वह भू-आकृति है जो मुख्य रूप से चूना पत्थर (Limestone), डोलोमाइट (Dolomite), और जिप्सम (Gypsum) जैसी घुलनशील चट्टानों पर जल और रासायनिक क्रियाओं के प्रभाव से बनती है। इसमें गुफाएँ, सिंकहोल, भूमिगत नदियाँ, और अन्य अनूठी भू-आकृतियाँ पाई जाती हैं।

करास्ट स्थलरूप बनने की प्रक्रिया

करास्ट भू-आकृतियाँ रासायनिक अपक्षय (Chemical Weathering) के कारण बनती हैं, जिसे कार्बोनेट घुलन प्रक्रिया (Carbonation Process) कहा जाता है।

  1. वर्षा का जल कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) के साथ मिलकर कार्बोनिक एसिड (H₂CO₃) बनाता है।
  2. यह अम्ल चूना पत्थर (CaCO₃) या डोलोमाइट (CaMg(CO₃)₂) को धीरे-धीरे घोलने लगता है।
  3. समय के साथ सतह और भूमिगत संरचनाएँ विकसित होती हैं, जिससे करास्ट स्थलरूप बनता है।

मुख्य करास्ट भू-आकृतियाँ

A. सतही करास्ट स्थलरूप (Surface Karst Features)

  • सिंकहोल (Sinkhole): भूमि की सतह पर बनने वाले गड्ढे, जो चट्टानों के घुलने से बनते हैं।
  • लैपिएस (Lapiés): चट्टानों पर बनी गहरी दरारें और खांचे।
  • डोलाइन (Doline): बड़ी कटोरेनुमा अवनति (Depression) वाली संरचनाएँ।
  • उवाला (Uvala): जब कई डोलाइन मिलकर एक बड़ा क्षेत्र बना लेती हैं।
  • पोल्जे (Polje): करास्ट मैदान, जो अक्सर जलभराव वाले होते हैं।

B. भूमिगत करास्ट स्थलरूप (Underground Karst Features)

  • गुफाएँ (Caves): घुलनशील चट्टानों के घुलने से बनी भूमिगत सुरंगें।
  • स्टैलेक्टाइट (Stalactite): गुफा की छत से नीचे की ओर लटकने वाले चूने के स्तंभ।
  • स्टैलेग्माइट (Stalagmite): गुफा की जमीन पर ऊपर की ओर बढ़ने वाले चूने के स्तंभ।
  • स्तंभ (Column): जब स्टैलेक्टाइट और स्टैलेग्माइट मिलकर एक स्तंभ बना लेते हैं।
  • भूमिगत नदियाँ (Underground Rivers): करास्ट क्षेत्रों में पानी भूमिगत मार्ग बनाकर बहता है।

दुनिया के प्रमुख करास्ट क्षेत्र

  • छेरापूंजी और मेघालय गुफाएँ (भारत): प्रसिद्ध करास्ट गुफाएँ और सिंकहोल।
  • बोरा गुफाएँ (अरुणाचल प्रदेश, भारत): भारत की महत्वपूर्ण करास्ट गुफाएँ।
  • गुइलिन (चीन): करास्ट पहाड़ों और गुफाओं का प्रसिद्ध क्षेत्र।
  • मेमथ गुफाएँ (अमेरिका): दुनिया की सबसे लंबी करास्ट गुफा प्रणाली।
  • डोलोमाइट्स (इटली): डोलोमाइट से बना करास्ट पर्वतीय क्षेत्र।
  • काकाडू नेशनल पार्क (ऑस्ट्रेलिया): करास्ट भू-आकृतियों से भरपूर क्षेत्र।

करास्ट स्थलरूप का महत्व

  • जल संसाधन: करास्ट क्षेत्र भूमिगत जल संग्रहण के प्रमुख स्रोत होते हैं।
  • पर्यटन स्थल: करास्ट गुफाएँ और पहाड़ पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
  • वैज्ञानिक अध्ययन: भूविज्ञान और पुरातत्व अनुसंधान के लिए महत्वपूर्ण।
  • कृषि और खनिज संसाधन: डोलोमाइट और चूना पत्थर से बने क्षेत्र उर्वर होते हैं।

निष्कर्ष

करास्ट स्थलरूप प्राकृतिक रूप से बनने वाली अनूठी भू-आकृतियाँ हैं, जो जल और रासायनिक क्रियाओं से बनती हैं। भारत सहित विश्व में कई महत्वपूर्ण करास्ट स्थल हैं जो वैज्ञानिक, पर्यावरणीय और आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।

अगर आपको किसी विशेष बिंदु पर और जानकारी चाहिए, तो बताइए!

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